Poem - Urdu दास्तान आंसुओं की By Mayank Trivedi on Tuesday, November 2, 2010 आंसुओं की दास्ताँ न पूछ मुझसेकि आंसू तो यूँही निकल पड़ते हैंथामना भी चाहूँ इन्हें मगर तेरी याद में बह निकलते हैं