Month: May 2011

पथ्थर

टूटना तो आइने की किस्मत हैआपकी खूबसूरती कि ये एक खिदमत हैसोचता हूँ इस मोड पर आकरक्यूँ ना आपसे ये सवाल करूँकि कहीं किसी मुकाम परक्या कभी किसी पथ्थर को तराशा हैयूँ देखिये कि शीशे की मूरत नहीं बनतीपथ्थर तराश इंसान इबादत करते हैं

मोहब्बत का परवाना

हमने दो लफ्ज क्या कहे इश्क परकि दुनिया ने हमें यूँ सुनायान हम सोच सके कि क्या है खता हमारीकि काँटों से हमारी सेज को सजायाना जानते थे कि वो लफ्ज हमारेकरेंगे हमें इस कदर रुसवाकि बेआबरू कर हमेंयूँ जार जार करेगी दुनियाकैसे कहें उनसे हम अपनी कहानीकैसे बयां करें हाल-ऐ-जिंदगानीक्या कहें कि क्या दर्द …

खुशी – खुदा की नेमत

खुशी ना ढूंढ तू अपनी किसी तमन्ना मेंकि दर्द ही मिलता है इस गली जाने सेना कर तू रोशनाई को इस कदर परेशाँकि हो जाए स्याह ये खून तेरे जिगर काखुशी ढूंढनी है गर तुझे कहीं ऐ बंदे तो जा तू खुदा के घर उसकी इबादत मेंखुशी गर तुझे मिलनी है कहीं ऐ बंदेतो जा …