Month: June 2011

आलम-ऐ-मोहब्बत

आँखों के नशेमन से से जाम पिलाना चाहते हो होठों से अपने जो पैगाम देना चाहते होदुनिया से बचाकर जो जुल्फों में घेरना चाहते होआज हिज्र के आलम में ये रुख किये जाते हो बेसब्र क्यूँ हो इतना तन्हाई के डर सेक्यूँ थम जाते हैं कदम तुम्हारे खुदा के दर पेक्या है जो यूँ इल्तेजा …

Pa

When I recall the days bygoneWhen I look at the era bygoneIt all reminds me of the timeWhen there was no rhyme I used to be scared alwaysMy feelings found no waysThough felt loved & protected Still the feelings were dissected I had no ways to tell youI love and respect youI still feel the your …

नज़र

नज़र ना झुका कि इनमें मेरा अक्स नज़र आता हैकि नज़र ना चुरा इनमें मेरा इश्क नज़र आता हैयूँ बेदर्द ना बन कि तेरी जुदाई मार ना डालेकि जुदाई के दर्द में सिरहन उभर आती है

अश्रुधारा

जब ह्रदय में हो पीड़ाजब मन में हो घृणादिखे  हर और जब अंधियाराबहती है नैनों से अश्रुधारा नहीं हो काबू जब क्रोध परकठिन लगे जब राह हरकठोर हो अपने जैसे है धराबहती है नैनो से अश्रुधारा विचारों का हो जब अतिक्रमणकरे जब मष्तिष्क अत्यधिक भ्रमणना दिखे जीवन में कोई और चाराबहती है नैनो से अश्रुधारा …