Going around the ghost of timeWhen I hear the wind chimeI feel it’s a shame & crimeWhen we shy from the shine Walk on the path of lifeWithout the fear of knifeDon’t shy from challengesDon’t give into the mirages Walk with a varied paceHolding a smile on your faceYou should become a crazeTo be followed …
Month: December 2011
समय के साथ राहगीर तू चलाचलअडचने बहुत आएंगी जीवन मेंलेकिन तू थाम अपनी दांडीराह पर चला चल बस चला चल विजय होगी जो तेरी, तेरी ही है हारहवा के झोंके सा बस पतझड़ का लगा अम्बारजीवन है एक कठिन परीक्षा का नामलेकिन तू बस चला चल बस चला चल
एक अरसा हुआ कि हमारी एक अज़ीज़ दोस्त ने कुछ लफ्जात लिखे और हम उन्हें पढ़ ग़मगीन हो उठे थे…. लेकिन आज जब फिर पढ़ा उनका वो कलाम, तो दिल से निकले कुछ लफ्ज़, ये कलाम है उस दोस्त को सलाम और है उनको हमारा एक पैगाम…. गम का खजाना अंखियों में छुपा बैठे होइस …
यादों की कश्ती में सवार जब हम बातों की पतवार से सफर की कगार पर पहुंचते हैं तो कुछ नगमें यूँ बनते हैं जैसे कुछ लम्हों पहले हमारी एक शायरा दोस्त से बातें करते हुए बने| जी हाँ बात बात में उन्होंने कुछ इस तरह कहा – अब उदास होना भी अच्छा लगता हैकिसी का …
शाख से टूटे गर तुम पत्ते नहींतो तुम्हे टहनी कि गरिमा का गुमान तो होगापेड जो तुम्हें पैदा करता हैउसपर कुल्हाड़ी के निशाँ का गुमान तो होगा
नगमों का गर कभीं कोई दर्द समझे,गर कोई उनकी रूह को समझे,तो एक पयाम निकलता है कुछ इस कदर,कि कायनात में जैसे चाँद निकले बादलों में छुपकर| कल जो हमनें कलाम लिखा था, उसपर हमें मिला हमारी हसीन शायरा का पैगाम, पैगाम में था उनका कलाम जो हमनें थोडा और पढ़ा और थोडा और उसे …
सोचा ना था इस कदर यूँ मुलाक़ात होगीतेरी यादों में यूँ तन्हा शाम-ओ-सहर होगीइन्तेज़ार में हाल-ऐ-दिल का क्या गिला करेंइन्तेहाँ है कि बेसब्र दिल अब भी तेरा नाम लेयादों में तेरी यूँ शाम-ओ-सहर ग़मगीन हैकि तन्हा हम ना कभी ग़मों के साए से हुएयादों में तेरी जो दर्द-ऐ-मुरव्वत से रूबरू हुएसर्द हवा का झोका जो …