Month: March 2012

अधूरे छंद

कैसा ये मायाजाल है, है कैसा ये बंधनया है ये तेरे प्रेमजाल का ही सम्मोहनहै ये कोई दिवास्वप्न या मेरा ही भरम तेरे आगे क्यों छोटा लगता है हर करम||_______________________________ निद्रागोश में स्वप्न में तू दिखती हैहर समय कानो में तेरी वाणी बसती हैना चाह भी तेरे प्रेमजाल में बिंध जाता हूँतेरे नैनो के प्रेम …

सैनिक की प्रार्थना

देश  का मैं हूँ एक नौजवानरहता हूँ सदैव सावधान चैन से तुम घर अपने सो सकोइसकर  देता हूँ मैं बलिदान ना देना मुझे तुम कोई सम्मानना देना मेरी चिता पर कोई ज्ञानपरिजन मेरे ना पीड़ित हों कभीबस देना तुम इतना सा ध्यान मैं तो चला जाऊँगा एक दिनमेरा अंत तो निश्चित हैपर मेरा परिवार हो …

सोच

जिंदगी गर सोच कर जी सकतेतो विसाल-ऐ-यार दर रोज करतेसोच में गर इतनी ताकत होतीतो इस वक्त तुम हमारे साथ होते तकल्लुफ क्यों करे हम सोचने काजब इन्तेज़ार है फैसले की घडी कासोचने से गर यूँ वक्त बीततातो ये जहाँ में कोई यूँ बेगार ना होता सोचने से गर विसाल-ऐ-यार होतातो हम इस कदर तन्हा …

अंजाम-ऐ-मुलाकात

जिद्द थी मेरी को तुझे देखूंथी चाह असीम तुझे पाने कीहद्द ये थी मेरी चाहत कीकि ही थी जिंदगी की जुत्सजू आलम इस कदर था जिंदगी काकि  हर पल तेरी ही ख्वाहिश थीरोक ना सके खुद को ऐ राहगुज़रतेरी  बंदगी की ये बेताबी थी क्या कहें कि तेरे दीदार से आजना दिल की वो खलिश …

जीवन खेला

काहे करात तू मोसे प्रतिक्षाकाहे लेत तू धैर्य परीक्षा काहे छीने जियरा का चैनाकाहे बितात है प्रेम की रैनाना कर तू मेरे जीवन से खेलाना बना तू इसे दुखों का मेलाहाथ पकड़ जो साथ चले मोरेजीवन भर साथ रहूँ मैं तोरे

माँ / Mother

जब देखता हूँ जगत में पाता हूँ तुझे सबसे पावन देवों से ऊँचा पद है तेरा देवों से महान है तेरा कर्म तेरी गोद मैं मुझे स्वर्ग प्राप्त हुआ तुझसे मुझे जीवन ज्ञान मिला जननी है तू मेरी, मैं हूँ तेरा अंश शिक्षिका तू मेरी, मैं तेरा शिष्य तेरी शिक्षा से जो सीखा मैंने पलभर …

अहज़ान-ऐ-इश्क

इश्क की इबादत में हमने दुनिया छोड़ीइश्क  के लम्हों से हमने जिंदगी जोड़ीफिर आज इश्क एक बोझ क्यों हैक्यों इश्क आज दर्द का दरिया है लम्हात जो उनसे दूर गुजरेंगेवो लम्हात मौत के साये से क्यों हैंजिंदगी जिसपर नाम उनका लिखा थाआज फिर वो एक कोरा कागज़ क्यों है अफ़साना बनी जो मेरी मोहब्बततो अफसुर्दा …