म्हारा घर आवजो

घणी राह देखी आपरी घणी बाट जोई
कटे ढूँढू असो जग जो आपे फरमाई
ना असो जग कठे मलिए ना आप पधारो
अरे म्हारा भाई सा अठे यो रूप ना धारो

एक आप म्हारी फरमाइश सुनता जाजो
जो जग मा जी ना लागे आपरो आजसो
जो भावे ना आपरे मिजाज दोस्तां रो
एक बार, बस एक बार म्हारे घर आवजो

चोखट पे आपरी आरती सजी है
पैरां में आपरे मैं दीप जलाऊं
कड़ी या आप कदी मत तोड्जो
बस एक बार म्हारा घर आवजो

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