खून-ऐ-जिगर से आह निकली है तेरीकि एक आस में डूबी जिंदगी है तेरीइबादत-ऐ-खुदा से कर तू राहगुज़रकि मंजिल तन्हाई की तुझे ना मिले कभी आब-ऐ-तल्ख़ में डूब ना सुना तू नगमेंकि हमने जिंदगी में और भी गम देखे हैंशिद्दत से तेरी आरज़ू लिए बैठे थे हमकि तेरी जुदाई का गम और भी है हर्फ़-ओ-लफ़्ज़ों में …
Month: April 2012
When I look beyond time’s horizonI see the days bygone in the pastThe days when I was a rebelThe days when I was careless Those were the days whenI had my love by my sideI had my friend flocking for a rideI had all and peace in my life But today when I look aroundI …
गर तुम कुछ ना कहते हमसेतो शायद ये दिल बैचैन होतागर तुम ना करते शिकवा कोईतो शायद ये दिल परेशाँ होता गर ना करते यूँ तुम हमें रुसवातो शायद ये दिल यूँ ना धडकतागर ना करते तुम क़त्ल हमारातो शायद ये रूह बेज़ार ना होती कैसे कहें तुमसे कि लफ्जात तुम्हारेहलक से हमारी जान ले …
Life is so tough with meDestiny is also not supportingToday I am lost in a dilemmaHow to approach for the solution Though she departed from my lifeThough she vowed never to be backHow do I ask her for my stuffThat’s lying close to her It’s not her departure that broke meIt’s not her words that …
तरन्नुम-ऐ-गुजारिश है तन्हाई सेकि राहगुज़र को एक लम्हा आसरा देउल्फत-ऐ-इश्क से आया है बेआसराइसको अपनी जुल्फों का साया दे अन्ज-ऐ-इज्तिराब से बेआबरू हो चला हैआब-ऐ-तल्ख़ से प्याला इसका भरा हैइत्तिहाम बेवफाई का ओढ़ ये गरीबआज दर पे तेरे बेआसरा खडा है कहता है मुझसे की राज़-ऐ-दिल किससे कहूँकि अब भी मेरा सामान सौदाई के पास …
हमारे अरमानों का जो क़त्ल किये जाते थे हमारी मोहब्बत को जो अब्तर किये जाते थे आब-ऐ-चश्म हमें जो पिलाए जाते थेऐ खुदा हमें आज वो काफिर कहते हैं आशियाना जो दिल को बनाया चाहते थेहमारे खून-ऐ- रोश्नाए से कलाम लिखा चाहते थेअज़ाब में हमारे जो अश्किया बने से रहते थे अख्ज़ वो हैं जो …
When they Dance on the heartTheir aim is right on the dartDevils of Love leave you shatteredYour life is just disorganized & battered Devils of Love don’t do that goodIn their Naked Dance off the hoodThey create the scene of agonyMaking you their poor pony They dance on your heart beatMaking your pulse to feel …
जीवन नवरस को गूंथ कविता का एक प्रयास – रणक्षेत्र में जा वीर बना मैं देखा द्वेष का रूप वीभत्समौत का देख रोद्र तांडवपीड़ा से हुआ ह्रदय करुणहास्य से होकर विमुखभक्ति का अपनाया रुखअदभुत अनुभूति हुई तबश्रृंगार से मिला वात्सल्य सुख जब
Gods of War looming aroundThe world standing still on its groundWhy is human race so profoundWhy is hatred spread all around Why is mankind living to hateWhy they don’t open their heart’s gateWhy do we realize only when it’s too lateWhere did love disappear in all this hate Where is the peace hiding from usWhere …
Just like you loved me neverI would love you for everIt was so easy for youIt was routine & nothing new You spoke to me with a pointed fingerYour words worked like a sharp ringerYou shut me from your lifeCut the cord with a bitter knife How easy was it for you to quitHow calmly …