जिंदगी तुझसे क्या गिला करें
कि तुझसे हम क्या शिकवा करें
गर साथ ही नहीं तकदीर हमारी
तो आंसुओं से तेरा दामन क्यों भरे
रंज-ओ-गम की इस महफ़िल में
क्यों रुसवा तुझे करें हम
दामन में तेरी खुशियाँ हैं मेरी
रुसवाई में है राहे तन्हाई
कि तुझसे हम क्या शिकवा करें
गर साथ ही नहीं तकदीर हमारी
तो आंसुओं से तेरा दामन क्यों भरे
रंज-ओ-गम की इस महफ़िल में
क्यों रुसवा तुझे करें हम
दामन में तेरी खुशियाँ हैं मेरी
रुसवाई में है राहे तन्हाई
Comments
sitamgar se sitam ka tum gar gila karoge
to naa jaane kab kis manzil par pahunch paaoge