जिंदगी

जिंदगी तुझसे क्या गिला करें
कि तुझसे हम क्या शिकवा करें
गर साथ ही नहीं तकदीर हमारी
तो आंसुओं से तेरा दामन क्यों भरे
रंज-ओ-गम की इस महफ़िल में
क्यों रुसवा तुझे करें हम
दामन में तेरी खुशियाँ हैं मेरी
रुसवाई में है राहे तन्हाई

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *