तेरे नैनो की ये भाषा
लज्जा की हो जैसे परिभाषा
कोई जाने ना क्या है इनका संदेशा
कोई जाने ना कैसी है इनमें याचना
लज्जा की हो जैसे परिभाषा
कोई जाने ना क्या है इनका संदेशा
कोई जाने ना कैसी है इनमें याचना
अंतर्मन में सुर तेरे ही नाद करें
ह्रदय में तेरे ही गीत गुनगुनाऊं
तू जो रहे साथ मेरे इस जीवन में
मैं तेरे ही गीत गाऊं
तू सुनती रहे ऐसे गीत मैं गाऊं
तेरे नैनो की ये भाषा, जाने कौन संदेशा बतलाती
स्वप्न तेरे मेरी निंदिया उडाए
रूप तेरा अंखियन में मंडराए
कैसे कोई भावनाओं को समझाए
ह्रदयमंथन में जीवन बीता जाए
आलिंगन में भर तुझे मैं जीना चाहूँ
कैसे तुझे मैं ये संदेशा बतलाऊं
जाने कौन घडी में तुझसे मैं बिछड जाऊं
बिछड कर ना जीवन में वापस मिल पाऊं
इस द्विविधा में मैं तुझसे ना मिल पाऊं
तेरे नैनो की भाषा मैं ना समझ पाऊं
तेरे नैनो की भाषा जैसे हो लज्जा की परिभाषा
जाने कौन संदेशा बतलाती, जाने क्यों इतना इठलाती
Comments
Naino kee bhaashaa to bas ek gaana yaad dilate hein –
nain lad jai hein to manva maa kasak hoi be kari