Month: May 2012

प्रेम प्रसंग

प्यार तो मैंने किया तुमसेपर मैं तुम्हारा प्यार ना पा सकाभरोसा तुमपर किया मैंनेपर तुम्हारा भरोसा ना पा सका तू ना मेरी बन सकी कभीना मुझे कभी अपना बना सकीना था छल, कपट हमारे बीचपर ना पनपा कभी विश्वास भी आज तू चली फेर कर आँखेंछोड़कर मेरी ये दुनियाअकेले ही अब चलना है मुझेअकेले ही …

जिंदगी

जिंदगी तुझसे क्या गिला करेंकि तुझसे हम क्या शिकवा करेंगर साथ ही नहीं तकदीर हमारीतो आंसुओं से तेरा दामन क्यों भरेरंज-ओ-गम की इस महफ़िल मेंक्यों रुसवा तुझे करें हमदामन में तेरी खुशियाँ हैं मेरीरुसवाई में है राहे तन्हाई

मासूमियत

कितनी मासूमियत से आपनेअपने ज़ख्मों का हिसाब रखा हैकि हिजाब में छुपा आपनेअपने लबों पर लफ़्ज़ों को रोका है कभी जिंदगी के किसी मोड परक्या आपको अपना सितम याद आएगाकि आपकी ही मेहरबानी हैजो आज एक इंसान खुद से अजनबी हो चला है कितनी मासूमियत से आपनेहमसे एहसास-ऐ-जुदाई बयान किया हैकि हिजाब आपका आज बन …

चंद तकल्लुफ भरे पैगाम

कुछ शेर कभी कहीं सुने या पढ़े थे| ठीक से याद तो नहीं, पर सोचा कि कुछ चलते फिरते शायरों कि चलते फिरते पैगाम की तरह इन्हें भी आपके सामने पेश किया जाए|  हालांकि मैं खुद इनसे वाकफियत नहीं रखता, लेकिन फिर भी जरा मुलाहिजा तो फरमाइये कि चुनिन्दा शेर ऐसे भी कहे जाते हैं …

आग से ना खेल

आग से ना खेल इतनाकि दिलों में आग लग जाएकि दिलों में गर आग लगी तो जिंदगी में रोनक ना होगीगर जलने का इतना शौक है तो जल एक परवाने की तरहदेख उसके गम में शमा भी जलती है तिल तिल कर

कविताएँ

मेरी कविता की पक्तियांकरती हैं जीवन वर्णनसार है इनमें जीवन काये हैं मेरे जीवन का अभिन्न अंगइनसे कैसे में दूर रहूँकैसे तोडूं में इनसे नाताजब जी भर आता है मेरातब साथ इन्ही का मिलताना मुझ बिन ये हैं इस जग मेंना बिन इनके मेरा कोई अस्तित्वछोड़ चाहे में जग दूं कभीये रहेंगी जग में बनकर …

हम उस देश के वासी हैं

हाथों की सफाई रहती है जहाँ दिल में केख पुती है हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में महंगाई रुलाती है नेता जो हमारे होते हैं वो जान के भूखे होते हैंवोट का लालच है उनको  जात का बटवारा करते हैंहमारे लिए जो भारत माँ सदियों से सभी कुछ …