Month: May 2012

वो लम्हात

मयंक की एक उर्दू पोएम –———————————–कैसे कहें ये कहानी हम अपनी जुबानी कुछ ऐसी ही बीती है हमारी जिंदगानी करते रहे हम सजदा उनका हर कदम सोचते रहे वो बनेंगे हमारे हमदम शायद था वो कोई ख्वाब एक सलोना बना गया हमें इश्क में ही दीवाना सवालात भी किये ज़माने ने हमारी तन्हाई पर कि …