Month: June 2012

इश्क का जोग

बन मुसाफिर चला मैं इश्क की राह परढूँढता था मैं अपना हमसफ़रना मिला मुझे हमसफ़रना हुई नसीब इश्क की मंजिलइश्क के जोग ने मेरा अक्स लूटाइश्क के जोग में मेरा घर छूटा बन मुसाफिर चला मैं इश्क की राह परना दिन का अहसास था न थी रात की फिकरबस था मेरे मन में जिंदगी की …

ज़िंदगी के रंग

जिंदगी के रंग देखे जिस कदरखून-ऐ-जिगर सूख गयारिश्तों की टूटती डोर देखकरआंसुओं का बाँध टूट गया ज़िंदगी के बिखरे टुकड़े बंटोरतेहाथों का रंग सूख गयाराह के कांटे हटातेचेहरे का नूर सूख गया जिंदगी में अपने जज्बातों को समेटतेयादों का बसेरा खो गयाघर अपना बचाने निकला था मैंराह में अपनी हस्ती भूल गया चाह कर भी …

म्हारा हिवडा मा

म्हारा हिवडा में आई ने बसी गया जो आज अणि जगत में खोवई गया याद तो आवे जियो जर जर जावे पण दर्शन वा रा होवे कोनी प्रार्थना करूँ में ईश्वर ती सलामती मांगू मैं वणारी खुशिया लुट जाए तो लुट जाए म्हारी वाने खुशी डीजे जगत री सारी आँखां में चमक दीजे ना दीजे …

दिल की आवाज़

दिल ये मेरा आज कह रहा है तुमसे मिलने की दुआ कर रहा है  ना जाने ये इतना बेचैन क्यों है  तुम्हारे पास होकर भी इतना दूर क्यों है धडकन आज मेरी जो कह रही प्यार में तुम्हारे ये भी तड़प रही नाम ये तेरा ही ले रही फिर भी ना जाने क्यों ये थम …

तलाश-ऐ-मंजिल

मैं जो निकला अपने शहर से दुनिया अपनी छोड़ कर सपनो की मंजिल खोजता हूँ राहों में ठोकरें खाता हूँ ना कोई घर है ना ठीकाना  हर कोई यहाँ बेगाना सपनो की मंजिल खोजता हूँ भीड़ में राहें खोजता हूँ जग ये सारा अजनबी है  शक्लें यहाँ है बेगानी ना कोई साया साथ है ना …