Month: June 2012

किसी के इस कदर हम हो गए

किसी के इस कदर हम हो गए  कि खुद से ही जुदा हो गए राह ज़िंदगी की भूल कर खुशी और गम से दूर हो गए आँखों में अब बस ख्वाब है उनका ख़्वाबों में हैं उनका ही नूर दिल मेरा हो गया उन्ही का इश्क मुझे हो गया उन्ही से क्या करें अब नहीं …

सच कहने की सजा पाते हैं

जगजीत साहब की गज़ल की दो पंक्तियाँ अभी याद आई –सच्ची बात जो कही मैंने,लोगों ने सूली पर चढ़ाया इसी पर कुछ पंक्तियाँ मेरे जेहन में भी आयीं – सच कहने की सज़ा पाते हैं  झूठ की इस दुनिया में हम जीते हैं किससे कहें हम अब दिल की बात  जिससे कहते हैं वो हँसते …

Feelings

Feelings that once were hidden in heart Are now open and expressed to you Days that once were stormy and dull  Are now the brightest and blue Times that once were lonely and sad Are to be filled with pleasure All that once was mine alone Are now things we both should treasure. Nights that …

एक कसक

जिंदगी तमाम गुज़र गई तेरे प्यार में हर रात गुज़र गई अब बैठे हैं उम्र के उस कगार पर जहाँ तेरी याद की कसार रह गई ना तू हा ना तेरा साथ है दूर दूर तक बस तन्हाई का साया है ना जाने ज़िंदगी की राह में किस मुकाम पर तू चली गई राह तकते रह …

मंजिल की तलाश में

हाथों में जिंदगी का सपना लिए निकले थे हम जहाँ में सफर हम तय करते गए मंजिल की तलाश में सफर में मिले राहगुजर भी बहुत दिल्लगी में हुई साथ उनके दिलजले भी बहुत मिले  मंजिल की तलाश में  मुकाम बहुत से आये राह में  मंज़र भी हुए बहुत अजीब से पर हम सफर में …

क्या हमें प्यार हुआ

दिल ही दिल में डूबे जाते हैं राहों में हम खो जाते हैं ये हमें क्या हुआ क्या हमें प्यार हुआ – २ यादों में बस तुम ही हो ख्वाबों में बस तुम ही हो ख्यालों में है तुम्हारी बस्ती क्या हमें प्यार हुआ – २ राहों में हम खो जातें हैं ख्वाबों में तुम्हे …