भ्रष्ट नेता, भ्रष्ट कर्मचारी भ्रष्ट आज सारा देश है
भ्रष्टाचार में डूबी सरकार भ्रष्टाचार का लगा अम्बार
गौ चारा खाकर नेता बैठे अपने घर में
वीर जवानो की मौत पर भी जेबें अपनी भर गए
दूरभाष यन्त्र के तंत्र में भी मिला भ्रष्टाचार
और कोयले की दलाली में हाथ काले किये बैठी सरकार
हर ओर आज देखो भ्रष्टाचार का है बोलबाला
भ्रष्ट हुई आज की मधुबाला तोड़ अपनी वरमाला
जीवन भ्रष्ट, मौत भी भ्रष्ट कैसा है ये कष्ट
आज के इस युग में मानव हर आचरण भ्रष्ट
भ्रष्टाचार का नृत्य देख द्वंद्व मचा राजनीति में
भ्रष्टाचार आज है हर और समाचारों की सुर्ख़ियों में
एक अन्ना ने किया अनशन दूर करने को भ्रष्टाचार
आज उसी अन्ना के साथी सोच रहे बनाने को सरकार
सोच रहा होगा अन्ना भी कहीं बैठ किसी कोने में
क्या यही था उसका सपना कि नाम उसका उछले भ्रष्टों में
क्या बना सरकार साथी उसके, कर पाएंगे कुछ कृत्य
क्या रोंक पाएंगे वो इस देश में भ्रष्टाचार का ये नृत्य