करते रह गए हम वफ़ा उनसे
कर गए वो ज़फ़ा हमसे
ना उफ़ निकली हमारी जुबां से
ना हमने कभी किया गिला उनसे
कि करके वफ़ा मिली उनसे ज़फ़ा
सिला मिला ये हमें हमारी मोहब्बत का
नाशुक्रे बनकर वो हमें बेज़ार कर गए
बेजुबान बन हम बस देखते रह गए
हम ख्वाब यह देखते रह गए
कि आशियाँ उनकी जुल्फों में बनाएंगे
वो तो काफ़िला उठा कर चले गए
और हम खामोश खड़े बस देखते गए
ज़ुत्सजु आशिकी की हमारी
हमें बेगैरत कर गयी
उनकी डोली को कंधा हम दे आये
पर वो हमारे जनाज़े पर नहीं आई||