Month: September 2012

सिला

करते रह गए हम वफ़ा उनसे  कर गए वो ज़फ़ा हमसे  ना उफ़ निकली हमारी जुबां से ना हमने कभी किया गिला उनसे कि करके वफ़ा मिली उनसे ज़फ़ा सिला मिला ये हमें हमारी मोहब्बत का नाशुक्रे बनकर वो हमें बेज़ार कर गए बेजुबान बन हम बस देखते रह गए हम ख्वाब यह देखते रह …

तू है कहाँ

राह पर साथ मेरे बन तू हमराही हाथ थाम तू बन मेरी माही बन हमकदम तू चल साथ मेरे बन हमराज़ तू चल साथ मेरे बहुत हुआ जीवन में जीना अकेले जीवन के पलों में हँसना अकेले थाम तू मेरा हाथ तू चल साथ मेरे बसा मेरा नया संसार जीवन में मेरे चाहूँ मैं अब जीना …

कुसूर-ऐ-दिल

कुसूर क्या है दिल का कि दर्द में इस कदर डूब जाता है  जिस दिल में कभी वो बसा करते थे आज वहां तन्हाई बसर करती है शिकवा गर हम कभी करें तो क्या करें शिकवा गर हम उनसे करें तो क्या करें कि दर्द दिल में उनके भी कुछ इस कदर है सिर्फ वो …

धरा पर राज करते चोर

मेरे देश में देखो कितने भरे चोर यहाँ बिन बरसात भी नाचे हैं मोर चारो ओर बस एक ही शोर घोर कलयुग है कलयुग है ये घोर कहीं है मैडम, तो कहीं दीदी तो कहीं है अम्मा का बोलबाला राज में इनके देखो देश को हर कोई कर रहा इसे सिर्फ खोखला चारो ओर आज …

शुक्रिया

शुक्र अदा करते हैं आपकी नजाकत का कि दिल ही दिल में मोहब्बत तो करते हैं मगर इकरार-ऐ-मोहब्बत का पैगाम  आप अपनी नज़रों से भिजवाते हैं शुक्र अदा करते हैं आपकी नज़रों का कि नज़र-ऐ-इनायत तो करती हैं हया के परदे में छुपा आपकी चाहत को एक इकरारनामा भिजवाती हैं शुक्र अदा करते हैं आपकी …