Month: September 2012

आशियाँ

तिनका तिनका जोड़ आशियाँ जो बनाया था तेरी जुल्फों के साये में जिसे सजाया था अपने खून-ऐ-जिगर से जिसे बनाया था वो आशियाँ सरे राह बेज़ार हो गया कि सरे राह तू क्या मिली आज तेरे दीदार से फिर भी ये दिल नाखुश था नज़रें तेरी उठी तो हमारी ओर पर उनका रुख हमारी ओर …

अल्फाज़

अल्फाज़ ऐसे कुछ होते हैं कि दिल को जो छू जाते हैं कुछ दिल में बस जाते हैं तो कुछ फांस बन चुभ जाते हैं अल्फाज़ ऐसे ही कुछ उन्होंने कहे कुछ ऐसे जो हमें अच्छे लगे कुछ ऐसे जो हमें चुभ गए उनकी तस्वीर तक बखेर गए पर क्या करें शिकवा हम उनसे कैसे …

बेहया आँखें

बहती हैं बेहया ये आँखें, जाने किसको याद करके जाने किसके गम में, रह गई में रुदाली बनके जाने किस गली किस चौबारे फिर उनसे रूबरू है होना आज का तो बस यही आलम है कि है रात दिन का रोना ना जाने क्यों याद में उनकी है ये दिल तडपता ना जाने क्यों याद …

बेताब

अलफ़ाज़ तेरे होंठों पर जो नहीं आतेउन अलफ़ाज़ को सुनने को बेताब हूँचाहत तेरी नज़रों में जो दिखती हैउस चाहत के इकरार को मैं बेताब हूँ तेरी जुल्फों में छुपी कायनात मेंबसने को साथ तेरे, मैं बेताब हूँसाथ तेरा गर मिले मुझे सरे राहतो मैं हर राह चलने को बेताब हूँ क़त्ल-ऐ-आम यूँ ना कर …

कहने को शब्द नहीं

कहने को क्या कहें कि कहने को शब्द नहीं बाहों में हम किसे लें, अपना कहने को कोई नहीं देखते जिस ओर हैं, समय का दिखता फेरा बढ़ें जिस ओर भी डगर पर दिखता काँटों का डेरा जाएँ भी तो इस जहाँ में कहाँ जाएँ हम स्वर्ग सी धरती पर भी नृत्य करती हिंसा कहने …

कोयले की दलाली

भ्रष्ट नेता, भ्रष्ट कर्मचारी भ्रष्ट आज सारा देश है भ्रष्टाचार में डूबी सरकार भ्रष्टाचार का लगा अम्बार गौ चारा खाकर नेता बैठे अपने घर में वीर जवानो की मौत पर भी जेबें अपनी भर गए दूरभाष यन्त्र के तंत्र में भी मिला भ्रष्टाचार और कोयले की दलाली में हाथ काले किये बैठी सरकार हर ओर आज देखो …