कितने आंसू कितने दर्दभरे ज़िंदगी ने मेरे दामन मेंना कोई हिसाब है इनकाना ही है ज़िंदगी को गुमां जाने किस कदर बीते वो पलजाने कौन घड़ी हुए वो रुखसतकि हमें यह गुमां भी ना हुआकि जाने कब बीत गए बरसों दर्द भरे दामन में ज़िंदगी केतन्हाई बसर जो करती थीकि मानो बुला रही वह मौत कोकि जैसे फैला …
Month: October 2012
When I am tired and topsyI go out to have a coffeeThat sip full of caffeineHelps me run even if its raining When I am sleepy and outI have coffee to field the boutMy every tissue give a shoutMy every tissue starts to rout A cup of coffee does those wondersWhether in snow or in showersA …
Her beauty and charmMake his life warmShe proves to be his strengthHe can cover world’s length Be it day or nightHer love gives him the mightIt makes him ready for a fightWhere he stands right He can’t think of a dayWhere she doesn’t lead the wayThe way to his joyous lifeThe way to make her …
Whatever you do where ever you go Politicians will always find you Be it your home or the street Politicians will always find you Whether you support Anna or Kejri Or you support Amma or Didi Behenji and Madam will always find you They will always be out there to lure you They will promise …
Tried resisting the pain Looking for some gain All my efforts went in vain As pain flowed in my veins With thy approaching my life With thy love reaching my heart I felt the slice of the knife Cutting my pain with aim right at dart But I fear in life once again I don’t …
नभःस्पृशं दीप्तम् ————————————————————- आसमां की ऊँचाई से ना वो डरते हैं ना आसमां की ऊँचाई में वो खोते हैं वो तो सिर्फ आसमां की ऊँचाई को छू देश की रक्षा में ज़िंदगी कुर्बान करते हैं नहीं डरते हैं ऊँची तन्हाइयों से ना ही डरते हैं परिन्दो से ऊँचा उड़ने से ना उन्हें खौफ है दुश्मनों …
विलुप्त हो गए जाने कहाँ शब्द सूख गयी मेरी कलम की धारा जाने कहाँ कहाँ विचर रहा मेरा मन क्यों न फूंक रहा ये मेरी कविता में जीवन सुबह सवेरे जब उठता हूँ सुन चिडियों की तान लगता है जैसे भर गया हो नवजीवन में प्राण पर जब बैठता हूँ लिखने मैं कविता ना जाने …
दौलत से तो हूँ मैं गरीबपर हूँ खुदा के इतना करीबजानता हूँ क्या है इंसानियतपरख लेता हूँ मैं हैवानियत दो गज ज़मीन पर सोता हूँदो जून रोटी से गुज़रा करता हूँमहंगाई मुझे क्या सताएगीमैं तो अपनी ही किस्मत का मारा हूँ सर्द हवाओं के झोंकों मेंदर अपने बंद करता हूँबरसात की बूंदें ना आएयह सोच …
कहाँ चला था करने मैं अभिव्यक्ति छीन गयी है मेरी हर शक्ति चेष्टा हुई, अपनाई मैंने भक्ति किन्तु रह गई अधूरी मेरी अभिव्यक्ति कहा जिसे, उसने कर दी अनसुनी बन के सामने मेरे एक अज्ञानी बहा कर भी मैं अपना रक्त ना कर सका अपनी भावना व्यक्त चला था मैं करने अभिव्यक्ति किन्तु ना मिला …
When you came to my lifeI was all dejected to riseWhen you smiled as meI never felt you would be to be When you touched me firstI didn’t feel my heart’s burstWith your first hugI felt in your arms I could snug When you behave like a babyYour cheeks turn rosyMeeting you makes me happyTalking …