जाने क्या बात हुई
जब उनसे नज़रें चार हुई
अजब सी बेचैनी थी दिल में
जब उनसे मुलाकात हुई
ना जाने क्यों दिल में कसक उठी
मानो बरसों की तड़प जाग उठी
ना जाने क्यों दिल उदास हुआ
ना जाने क्यों ये निराश हुआ
पूछा जब हमने दिल से
तो कहा कुछ यूँ उसने
कि नहीं कोई जगह अब उनकी
क्योंकि अब वो दुनिया है किसी और की
कौन है वो जब हमनें पूछा दिल से
उसने तेरा ही नाम लिया
ना जाने कब किस पल
तेरा राह दिया ये चल
हमें अब ना शिकवा है ना कोई गिला
खुश हैं कि अब हमें तेरा साथ मिला
शुक्र हैं हम उस खुदा के, उसकी खुदाई के
कि अजब नज़राने दिखाए उसने इस दुनिया के||