Month: October 2012

रजनी का श्रृंगार

कारी कारी अंधियारी रात में जब उजियारा फैले चंदा का अंगना में एक बहार आए सजना को सजनी भाये चांदनी में जो रूप खिले रजनी का श्रृंगार करे सजनी अपने साजन का मनभावन जो उजियारा भरे चांदनी सजना को दिखे मनमोहक सजनी कारी कारी अंधियारी रात में जब गगन में छाए चंदा साजन भर बाँहों …

आज की शाम

आज की शाम फिर उदास है मन में आज एक प्यास है क्यों ज़िन्दगी में ये, क्योंतेरे बिन दिल उदास है ना जाना मुझे छोड़ अकेलारहना साथ मेरे तू हमेशाना तेरे बिन है ज़िन्दगी पूरीहै ये दुनिया बिन तेरे अधूरी आज की शाम फिर उदास हैदिल में दबी एक प्यास हैज़िन्दगी में अब तेरा ही …

तोरे आवन से रजनी

रजनी तोरे आँचल में जो चांदनी खीली लगे जैसे मोहे मोरी सजनी मिली आवन से तोरे उसके आवन का होए आभास  जैसे अम्बर में हो चाँद का प्रकास रजनी तोरे आवन से सजनी का जोवन भरा रजनी तोरे आवन से सजनी का साथ मिला कहें तोसे का कि तोरे रूप में हमका हमरे जीवन भर …