जीवन जो कभी नीरस था
जिसमें केवल एक दर्द था
लगता आज फिर सुखमय है
उसमें तेरे आने से एक आस है
दर्द जो था सिने में दबा
जिसमें थी एक जीवंत अगन
आज वो अगन शांत है
ना उसमें अब एकांत है
प्रेम की फिर है एक ज्वाला जली
जीवन की फिर एक राह ढली
सुख फिर एक बार है लौट आया
जीवन में फिर एक बहार लाया
ना अब किसी दर्द की अनुभूति है
ना एकांत का जीवन में निवास
अब जीवन केवल गतीमान है
उसमें सिर्फ तेरे आने की है आस||
Comments
Nc 1 after long tym. WB!!