The tide of the time wants to test the rhyme the depth of the horizon wants to bury me in the prison I wonder how deep the roots go I wonder how long it would dwell The testing and the tryst with destiny or should I say my lucks on mutiny The way you turn your face …
Month: December 2012
दिन आज निकला है कुछ अजीब भूल सा गया हूँ मैं अपनी तहज़ीब दिल करता है कुछ ऐसा करूँ कि साथ तेरे कुछ खुराफात करूँ अपनी मशरूफियत में तू मुझे भुला ना दे आज मैं कुछ हरक़त ऐसी करूँ दिल में तेरे जज्बा मेरा बना रहे आज मैं खुराफात कुछ ऐसी करूँ ना जाने किस …
श्रृंगार कर जब तू आयी दुल्हन का धड़कन थम गई मेरे ह्रदय की लगा उस पल मानो थम गया था समय रुक गया था श्रिष्टी का भी चक्र लाल चुनर ओढ़े जो तुम खडी थी दर पर सिमटी शरमाई सी कोलाहल हुआ अंतर्मन में हर ओर सुना मैंने बस एक ही शोर रूपवती गुणवती खडी …
तेरे नैनों की बोलियाँ तेरे अधरों की अठखेलियाँ नाम किसका लेती है कि करती हैं किसकी ये खोज तेरे क़दमों की ये आहट तेरे ह्रदय की घबराहट नाम किसका लेती है कि क्यूँ ये तुझे तडपाती हैं क्या यही तपस्या है तेरी क्या यही है तेरी प्रेमअगन क्या यही है श्रोत तेरे अश्रुओं का क्या यही है अंत तेरे …
From the time you entered my life My world has been centered around you When I venture out there I feel I always need you with me With you gone away My world seems to have seized It’s the touch of love that I always miss My world without you doesn’t exist It’s the soft …
चिड़िया जब तुम चहचहाती हो मध्धम सुर में गाती हो सुर तुम्हारे जीवन संगीत सुनाते हैं कानों में प्रेम रस बरसाते हैं चिड़िया जब तुम चहचहाती हो नील गगन में इठलाती हो गीत मेरे गुनगुनाती हो जीवन में प्रेम रस लाती हो चिड़िया जब तुम चहचहाती हो ह्रदय में जीवन सितार बजाती हो सुर तुम्हारे नीवन …
बात जब तुम्हारी आती है मुझे हर बात वो प्यारी लगती है नाराज़ भी गर तुम होती हो मुझे फिर भी प्यारी तुम लगती हो जाने अनजाने में हर वक़्त तुम सिर्फ प्यार करना जानती हो शर्मोहया के लिहाफ से भी तुम सिर्फ प्यार का पैगाम भिजवाती हो ज़िंदगी के हर पल हर लम्हे में …
तेरे आने से ये सहर महके तेरे आने से मेरा घर महके तेरे आने की खबर सुनकर मेरी ज़िंदगी का हर पल महके तेरे आने से आये ज़िंदगी में बहार तेरे आने से ज़िंदगी गाये मेघ-मल्हार तेरे आने से मेरा घर महके तेरे आने से ये सहर महके आये ज़िंदगी में रौनक और खुशियाँ कि तेरे आने …
कुछ लोग जो खुद को खुदा मानते हैं औरो को कुछ कम आंकते हैं उन लोगों की क्या बात करें जो धरती के सीने पर बोझ हैं कहीं कुछ बोलते हैं कहीं हैं कुछ करते सारी ज़िंदगी बस खुद की हैं सोचते जानते नहीं क्या खुदा है खुद को खुदा मानते हैं दुनिया में सबके …
जीवन संध्या में मिली तुम कुछ ऐसी सिमटी शरमाई सी कि छवि उतर गयी ह्रदय में तुम्हारी सादगी की कुछ ऐसी ज्वाला जली प्रेम की कि ह्रदय में अम्बार लगा तुम्हें जीवनसंगिनी बनाने को मन मेरा मचल उठा छवि तेरी जो ह्रदय में बनी थी उसका जब श्रृंगार हुआ सात फेरों के बंधन में बाँध तुम्हें …