अधूरी भ्रान्ति अधूरे क्षण अधूरे हैं जहाँ सारे प्रण अधूरी शांति अधूरे रण अधूरे हैं यहाँ सत्ता के कण राष्ट्र ये मेरा आज अधुरा है सत्ता के भूखों से भरा है जीवन यहाँ आज निर्बल है जनता की सोच भी दुर्बल है अधूरी सोच नेताओं की अधूरी होड़ प्रशाशन की अधुरा यहाँ हर कृत्य है …
Month: January 2013
देखो मेरे देश में राजनीति का खेला प्रजातंत्र में लगता है राजतंत्र का मेला यहाँ नहीं है कोई किसी का, ना गुरु ना चेला बस सत्ता की दौड़ की यहाँ होती हमेशा बेला जनता चाहे भूखो मरे, या जले उसकी चिता निताओं को केवल रहती है अपनी गद्दी की चिंता नहीं यहाँ आदमी आदमी को …
घोटालों के इस देश में हर कोई करता घोटाले है जब सामने मामला आता है हम एक ही आलाप सुनते हैं इसकी निष्पक्ष जांच की जावेगी चीरहरण जब यहाँ होता अबला का सरकार फिर वही बात दोहराती जनता के आक्रोश को दबाने को फिर वही आलाप लगाती इसकी निष्पक्ष जांच की जावेगी बलात्कार यहाँ होता …
ना समझ हमारी सहनशीलता को कायरता हम तुझे छठी का दूध याद दिला सकते हैं ना हमें तू बर्बरता का रूप इतना दिखा हम आज भी तेरे ह्रदय से लहू निकाल सकते हैं जिनकी तुम भीख पर पलते हो उनकी वाणी हम मान नहीं सकते हमारी प्रभुसत्ता को ना दो चुनौती ना बनाओ हमें तुम …
They would pay bribe to officers Then they would oppose corruption They would be the mute spectators Then they would spearhead protests When they feel its overdone They protest with rage & anger When they feel anger won’t work They conduct candle light vigil When they feel candles burnt off They call for hunger strike …
मैं एक सैनिक हूँ, करता हूँ देश रक्षा देश सेवा के लिए रहता हूँ मैं तत्पर जान न्योछावर मेरी देश हित में कभी शूरवीर तो कभी शहीद हूँ मैं करता हर पल मैं अपना कर्म हूँ दुश्मन का भी करता आदर हूँ पर ललकार नहीं मुझे उसकी सहन प्रज्वल होती उससे हृदयाग्नि प्रबल उत्तर है …
ज़िन्दगी में देखी तिजारत बहुत बहुत देखी बेवफाई ना कोई उम्मीद थी कहीं ना था हमारा कोई सपना दर दिन तरसते थे खोजते थे हम अपनी ज़िंदगी ना कोई और हसरत थी ना थी उम्मीद-ऐ-वफ़ा कोई दिन बीते, बीते महीनो साल ना हुई ज़िंदगी फिर भी बहाल भटकते रहे दर दर हम यूँही ना हुई …
Come and Sail in the boat of insecurity In the country of unity in diversity You wouldn’t be surprised with insensitivity That prevails in the situations with disparity There is a certain law and order Something that is neither slim nor broader This make the criminals tougher and bolder With courage they rub their shoulder …
आने से उनके कुछ लम्हे बदल से जाते हैं उन लम्हों में हमारी ज़िंदगी बदल सी जाती है चंद उन लम्हों की खातिर जीते हैं कि उन लम्हों में हमारी कायनात बदल जाती है जिन लम्हों में उनका साया नसीब होता है उन लम्हों में हमारी तकदीर बदल जाती है हसीं हर जर्रा हर खिजाब …
देश के नेता जब हो चोर तो कैसे ना हो संसद में शोर हर पल लूटें जो देश की अस्मत तो कैसे जागे नागरिकों की किस्मत ======================== जहाँ न्यायपालिका करे उनकी रक्षा जहां न्यायाधीश मांगे उनसे भीक्षा जहाँ मिले उनसे गुंडों को दीक्षा कैसे बने वहां नागरिकों की आकांक्षा ======================== जहाँ देश के नेता करें …