घोटालों के इस देश में
हर कोई करता घोटाले है
जब सामने मामला आता है
हम एक ही आलाप सुनते हैं
इसकी निष्पक्ष जांच की जावेगी
चीरहरण जब यहाँ होता अबला का
सरकार फिर वही बात दोहराती
जनता के आक्रोश को दबाने को
फिर वही आलाप लगाती
इसकी निष्पक्ष जांच की जावेगी
बलात्कार यहाँ होता बहु बेटियों का
होता उनका घोर दमन
फिर सरकार कहती हमसे
सूनी हमने तुम्हारी बात
इसकी निष्पक्ष जांच की जावेगी
सत्ता के कटघरों में जाने कितने
भक्षक बैठे हैं बन रक्षक
न्यायपालिका फिर हमसे कहती
हम हैं बेबस, सत्ता है हमसे ऊपर
उठे बात कहीं चारा घोटाले की
या जो दुरभाष की ही बात
कभी तो अपहरण का चर्चा
या हो संसद पर हमला
हर बार है सरकार का बस यही एक नारा
भारत है जग में सबसे प्यारा
आतंकवाद की हम करते हैं निंदा
भले जला दो हमारे सैनिकों को ज़िंदा
हम फिर भी निष्पक्ष जांच करेंगे
अपराधियों को जनता के लहू से पालेंगे|||