Abstract Poems Poem - Hindi जीवन चैना By Mayank Trivedi on Wednesday, May 1, 2013 कित जाऊं मैं तोहे ढूँढने कित जाऊं मैं तोहे पाने बीते जीवन के सब रैना छुपे हो कहाँ ओ मोरे चैना बिन चैना ये जीवन सूना सूनी बगिया घर भी सूना काट खाए मोहे बेचैनी भूली बिसरी है जीवन की कहानी ना जाने कहाँ खो गए तुम चैना ना जाने कैसे बदल गए ये रैना …