Heart is full of agony and I want to cry but it ain’t raining without its a clear sky Pain is searing my heart on seeing sorrow’s cart and I want to cry but it ain’t raining Tears are swelling inside and am trying to keep them aside from rolling down my eyes for it …
Month: June 2013
नहीं आसां है दर्द से गुज़रना नहीं आसां है दर्द से बचना ये ढूंढ ही लेता है तुमको आशियाँ जहां भी हो तुम्हारा समंदर की लहरों में आसमां में उड़ते परिंदों से काएनात के हर कोने में दर्द तुम्हे ढूंढ ही लेता है घरोंदा कितना भी हंसीं बनाओ इश्क में चाहे जितने भी डूब जाओ …
कारे बदरा कारे मेघाबरसे ऐसे अबके बरसघाटी में वो नीर बहा,जन जीवन हुआ नष्टदेवों की घाटी थी वो,जहां वर्षा ने संहार किया हजारों के प्राण लिए,लाखों को बेघर कियाअबके बरस मेघा ऐसे बरसेधरा पर नरसंहार हुआजो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगारउसने ही नरसंहार किया प्रकृति का प्रकोप कहें इसेया कहें मानव का लोभकेदार के …
जाने क्यों, जाने क्यों, नहीं लगता ये दिल जाने क्यों नहीं गुजरता है अब दिन राते लगती हैं सदियों सी लम्बी जाने क्यों थम सा गया है ये वक़्त कुछ वो दिन थे जो लम्हों से बहे अब वो दिन हैं सदियों से लम्बे जाने क्यों नहीं लगता कहीं अब ये दिल जाने क्यों ढूँढता …
गर कभी सुनो आह मेरी तो समझना मुझे तुमसे प्यार है गर कभी जुबां खामोश हो तो समझना मुझे तुमसे प्यार है गर मैं दर-ओ-दीवार को देखूं तो समझना मुझे तुमसे प्यार है गर रात में चाँद को देखूं तो समझना मुझे तुमसे प्यार है इश्क की अपने मैं क्या दास्ताँ कहूँ कि मुझे तुमसे …
कर आँखें नम नाम दे रहे भगवान् कोमानव की गलती से अंत हुआ मानव काप्रकृति का कर विनाशप्रकृति को ही कोस रहेजब जीना है गोद में प्रकृति कीतो जियो उसकी सुन्दरता मेंविकृत गर करोगे प्रकृति कोतो होगा प्रलय सा विनाश हीतांडव में प्रकृति केमिलाप होगा काल से हीग्रस्त अपनी ही करनी के हुए होफिर प्रकृति …
तुझसे जुदा तो हूँ मैं पर तन्हा नहीं हूँ यादों में तेरी इस कदर मै डूबा हूँ ना गम-ऐ-तन्हाई की फुर्सत है मुझे ना तेरे जुदा होने का कोई गिला तुझसे जुदा तो हूँ पर तन्हा नहीं आलम-ऐ-तन्हाई से रूबरू नहीं हुआ तेरी यादों के समंदर में इस कदर मैं डूबा कुछ मंजर इस कदर …
क्यों तू मुझे मारे, हूँ मैं तेरा ही अंश मेरे कारण ही चलते हैं ये वंश बेटी, बहन, पत्नी, माँ बन मैं रहती घर आँगन को मैं रोशन करती ना मार मुझे तू, हूँ मैं तेरा ही अंश मार मुझे ना बन तू एक कंस बन कली तेरा ही आँगन महकाऊँगी मीठी अपनी बोली तुझे …
क्या बिगाड़ा है मैंने तेरा मैंने तो तेरी कोख है बसाई क्यूँ हूँ मैं कष्ट तेरा मैंने तो तेरी पदवी बढाई क्यूँ तू चाहे मुझे मारना क्यूँ सहूँ मैं ये प्रतारणा बन मैं तेरी परछाई जी लूंगी हंस मैं तेरे बोल सह लूंगी ना मार मुझे मेरे जनम से पहले मेरी इतनी तो तू सुन …
ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी ना जा हो के यूँ रुसवा हमसे ना जा साथ हमारा छोड़ के ना जा कि तेरे बिन क्या है ये जहाँ साथ मेरा छोड़ के ना जा बेरूख है ये ज़माना ना जा बेदर्द है ये समां ना जा सुख से गए हैं अश्क मेरे ना जा कि बिन तेरे लम्हात …