पिला उसे शब्दों का हलाहल कहते हो तुम उसको विषधर कर उसपर सह्ब्दों के वार कहते हो तुम उसको विषधर नहीं उसमें उतना विष जितना हलाहल उसने पिया कहते क्यों हो उसको विषधर क्यों पकड़ते हो उसका अधर धीरज नहीं गर तुम रखते वश में गर खुद के नहीं रह सकते तो क्यों चलते हो …
Month: October 2013
बिटिया जबसे तुम आयी हो जीवन में नयी खुशियाँ लायीं होपूरी की तुमने मेरी अभिलाषाभर गयी है जीवन में अब आशा तुमसे मेरा जीवन हुआ पूर्णहुआ मैं जीवन संघर्ष में उत्तीर्णआने से तुम्हारे गूंजी आँगन में किलकारीरंगीन हुई मेरे जीवन की चित्रकारी तुम हो मेरे जीवन का सारांशतुम हो मेरा अपना भाग्यांशतुम ही हो अब …
Tomorrow’s the day I am waiting for For the day would be full of happiness For the day would be beaming with Joy For the day is tomorrow and not today Tomorrow’s the day when You would smile Tomorrow’s the day when You would laugh Tomorrow’s the day when You would love For that Tomorrow’s …
When I see pain in your eyes My words dry up When I feel agony in your heart My words dry up With your dripping eyes With your quizzing looks With that pain in your heart My words dry up When I try to write Your sad face shows up Looking at your sadness My …
I am literally broke today trying to fix my broken heart I am literally begging today trying to fix my lost life Dunno where did I lose it Dunno where did I misplace it But the piece of life the one with Peace written on it Is missing from the deck Dunno if I bought …
चित्कार आज मष्तिस्क में है जीवन हाला पी जाने की कि कैसे करूँ मैं खाली ये प्याला हो रहा कहीं नव जीवन कोपलित ह्रदयनाद भी हो रहा इस प्रकार नहीं रहा अब जीवन से सम्बन्ध अश्रुओं की माला मैं पीरों रहा पर कैसे करूँ खाली ये प्याला राह नहीं मिलती मुझे अब भटक गया हूँ …
Though I may not be next to you but you are in my thoughts Though you may push me off your heart you would always rule mine for life Whether I am with you or not there is always a riot in my heart for you my heart beats life in me for you my …
छल कपट की दुनिया है हर एक है दूसरे से आगे बस कोई कह जाता है अपनी विपदा कोई शांत सहता रहता है सर्वदा स्वर ऊँचा कर कहते हैं जो क्या दबा जाते हैं छल अपना क्या अपने मीठे शब्दों में कपट छुपा जाते हैं अपना शांत कहीं कोई है जग में तो नहीं उसके …