Month: November 2013

जीवन से जीवन का नाता

जीवन से जीवन का है ये कैसा नाता नहीं संसार में जो इसको समझता हर पल हर क्षण लेता एक परीक्षा कैसे कोई पूरी करे जीवन की समीक्षा हर रिश्ता हर नाता बंधा अलग डोर से रिश्तों के द्वन्द में जीवन उलझता हर ओर से कैसे सुलझाए कोई रिश्तो की ये गुत्थी दर लगता है …

बिन तिहारे

बिन तिहारे ये जग सूना  बिन तिहारे ये संसार अधूरा जो मैं जग में ढूंढा किया तिहारे चरणों में जा मिला मात-पिता तुम मोरे बिन तिहारे ये संसार अधूरा जनम से चला संग तिहारे अधर खोल सीखा बोलना कैसे भूलू वो बिसरी बातें कैसे भूलू वो बिसरे दिन गोद में तिहारी निकला बालपन आँगन में …