Month: February 2014

धरा का मंजर

आज अम्बर में उड़तेमंजर यूँ सामने आयादेखा का धरा का जो रूपह्रदय आनंदित हुआ बादलों की चादर ओढेअम्बर से मैं चलाचादर ज्यों हटतीदेखता धरा पर तुषार धवल तुषार धवल की परतों सेदिखती वृक्षों की शाखाएंवृक्षों की शाखाओं तलेदिखती मानव बस्ती प्रकृती और मानव की रचना केदेख मेल को ह्रदय उल्लासित हुआदेख अम्बर से तुषार धवलबादलों …