Month: March 2014

एक वो वक़्त था

एक वो वक़्त था, एक ये वक़्त हैउस वक़्त में तुम हमारे थेइस वक़्त में हम तुम्हारे हैंवो वक़्त हमारा था, ये वक़्त तुम्हारा है वो वक़्त जो गुजर गया हैउस वक़्त में एक विश्वास थाआज वो वक़्त हैजिसमे खुद से विश्वास उठ सा गया है एक वो वक़्त था, एक ये वक़्त हैउस वक़्त …

तेरी चाहत

तेरी चाहत में ज़िन्दगी से बेज़ार हो चले तेरे चेहरे के नूर में खुद को जुदा कर चले फिर भी तेरी चाहत की खदाई ना निभा सके एक भी पल तुझे खुश ना रख सके सदमा रहेगा ता उमरा बेरूखी का जाम जब भी पीयेंगे हम आब-ऐ-तल्ख़ का तेरी चाहत को जो रुसवा किया है  …

ग़मगीन आँखे

ग़मगीन आँखों से दर्द के अफ़साने बह चलेआज हम अपनी कहानी पर रो पड़ेदर्द तो अपना होता हैफिर क्यों आब-ऐ-तल्ख़ बहादर्द तो अपना होता हैफिर क्यों अफसानो का तांता लगासोच फिर हमें यूँ बेताब कर चलीकि आब-ऐ-तल्ख़ में ज़िन्दगी बह चलीग़मगीन आँखों से दर्द के अफ़साने बह चलेआज अपनी ही कहानी पर हम रो पड़े