तेरे नैनो की भाषा जाने ना
मेरे नैन तेरे नैनो की भाषा जाने ना
ना जाने क्या कहते हैं तेरे नैना
ना जाने क्या छुपाते हैं तेरे नैना
मेरे अंतर्मन में मचा कोलाहल
ना जाने क्यों चुप हो जाते हैं तेरे नैना
जाने किस घडी में क्या कहते हैं
ना जाने क्यों ये अकस्मात चुप होते हैं
ना समझ पाता हूँ मैं इनका कहना
ना मैं समझ पाता हूँ इनका चुप रहना
ना जाने क्या कहते हैं तेरे नैना
ना जानू मैं तेरे नैनो की रैना
हिला अधर अपने कर शांत मेरी जिज्ञासा
मुख मधिर वाणी से पूर्ण कर मेरी आशा
चुप रहकर यूँ ना मचा कोलाहल मेरे मन में
ज्ञान दे मुझे तू क्या कहते हैं तेरे नैना||