Contemporary Poetry Poem - Urdu तेरी यादें By Mayank Trivedi on Wednesday, May 21, 2014 उडी जो जुल्फें तेरी मदहोश कर गईं मिली जो नज़रें तेरी गुमराह हमें कर गईं सांसों की तेरी महक हमारी तन्हाई ले गई लबों पर थिरकती मुस्कराहट हमें दिवाना कर गई ना अब दिल को चैन है ना रूह को है आराम यादें तेरी बन एक जज्बा हमारा इम्तिहान ले गई