Month: August 2014

भारत से सन्देश

विचारों में तो अंतर आ चुका है,मतभेद भी हैं बहुतेरेअब यदि रहना है यहाँतो रहो बनकर अपनेऔर यदि सोचते हो तुमकी करोगे और एक बटवारातो एक ही संदेश है हमाराजाकर रहो जहाँ दिल है तुम्हाराभारत अब अखंड है और रहेगा अखंडतुम यदि मानते हो खुद को परायातो समझो पडोसी देश को सरमाया||