भारत से सन्देश

विचारों में तो अंतर आ चुका है,
मतभेद भी हैं बहुतेरे
अब यदि रहना है यहाँ
तो रहो बनकर अपने
और यदि सोचते हो तुम
की करोगे और एक बटवारा
तो एक ही संदेश है हमारा
जाकर रहो जहाँ दिल है तुम्हारा
भारत अब अखंड है और रहेगा अखंड
तुम यदि मानते हो खुद को पराया
तो समझो पडोसी देश को सरमाया||

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