परिणय की वर्षगाँठ

प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है
वही कल जब तुमसे भेंट हुई थी
वही कल जब हम मिले थे
प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है
किन्तु समय का पहिया घूम रहा था
समय का चक्र अपनी गाती पर था
जो बात कल की प्रतीत होती है
आज उसको २ बरस हो गए हैं
प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है
आज फिर वही दिन है 
किन्तु दो बरस के अंतराल के बाद
हमारे मिलन की आज दूसरी वर्षगाँठ है
प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है
किन्तु आज साथ दो बरस का अनुभव है
दो बरस तुम्हारे साथ के
दो बरस हमारे परिणय के
आज फिर वही दिन है, फिर वही बेला  
जब तुम मेरी जीवनसंगिनी बनी थी
आज हमारे परिणय को दो बरस बीत गए
किन्तु प्रतीत होता है जैसे कल कि ही बात है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *