पत्तों से सीखो तुम ज़िन्दगी का अफ़साना
जीते है वो तुम्हें देने को स्वच्छ वायु
जीते हैं वो तुम्हें देने को फल और फ़ूल
देते हैं सारी उम्र वो दूसरो को
सूख कर भी वो करते हैं भला सबका
पेड़ उनको भले ही झाड़ कर गिरा दें
पत्ते फिर भी खाद बन पेड़ के ही काम आते हैं
कुछ भी हो रिश्ते तो पत्तों से सीखो
जड़ तो सिर्फ पेड़ को पानी सींचती है
जड़ तो केवल पेड़ को तान कर रखती है।