Month: June 2015

धधकती ज्वाला में खोया है हर कोई

धधकती ज्वाला में खोया है हर कोई  ना अपनों में ना परायों में पाया है कोई  दुःख की तपिश में आज जीता है हर इंसान  सुख की ललक में बन रहा वो हैवान  था वक़्त कभी जब अपनों में बैठा करते थे दुखों की ज्वाला पर अपनत्व का मलहम लगाते थे  था वक़्त कभी जब …

डर

डर की ना कोई दवा है  ना डर का कोई इलाज यह तो सिर्फ पनपा है  अपने ही खयालो के तले डर के आगे ना हार है ना जीत  डर के सामने ना है किसीका वज़ूद  डर रहता है दिलों में छुप कर  नहीं किसी डर का कोई अंत  डर कर जीने वालों डर कर जीना …

वक्त का तकाज़ा

दिल में  यादें बसी हैंकसक बन गयी अधूरी तमन्नाएँवक्त का तकाज़ा है शायदकि दवा भी आज दर्द दे गयी यादों में आज भी ताजा हैवक्त वो, जो गुजर गया कहीं यादों में आज भी ताजा हैवक्त वो जब हम तन्हां नहीं थे एक था वक्त उन दिनोंजब दोस्तों के संग मिल बैठते थेअब वो वक्त है …