कुछ तो लोग कहेंगे
जोक्स से वो जरूर चिढ़ेंगे
उनको तो बस करना है मनमानी
बद्तमीजी है उनको करनी
क्या खुद कहते हैं क्या खुद करते हैं
उससे बेपरवाह रहते हैं
लेकिन दुनिया में कहीं कोई कुछ करे
तो उसपर ऐतराज़ करते हैं
खुद दुनिया को कहें अपशब्द
तब खुद का बड़प्पन मानते हैं
वहीँ अगर हम करें छोटा सा मज़ाक
तो कहते हैं मर गया रज़ाक
क्या इन लोगों के जीवन में कुछ नहीं है
ऐसे लोगों के जीवन से मिलती है सीख
कहीं जरूरत न हो तो ना चलो अपनी ज़बान
चमड़े की बनी है कहीं फिसल ना जाए॥