घनघोर घटा छाई

घनघोर घटा छाई  रे, घनघोर घटा छाई  रे
मेरे मीत के मिलन की बेला आई रे
आई रे मिलन की बेला आई रे
घनघोर घटा छाई रे – २

मन व्याकुल हो चला, मन व्याकुल हो चला
ना जाने कौन चितचोर इसे मिला
जाने कौन दिशा संग ये किसके चला
मन व्याकुल हो चला – २

अब कित जाऊं मैं, कि घनघोर घटा छाई रे
किसको कहूँ मैं, कि मन व्याकुल हो चला
कैसे कहूँ, कित जाऊं घनश्याम
कि द्वार तेरे आया ओ मेरे राम, ओ मेरे राम

कैसे कहूँ किसे कहूँ, घनघोर घटा छाई
ओ घनश्याम, मिलन की बेला आई
कैसे मिलूं मैं कैसे कहूँ मनवा
कि मन व्याकुल हुआ, मिलन को -२

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