Month: September 2015

आरक्षण का दानव

आरक्षण की मांग पर  जल रहा,  राष्ट्र का कोना कोना  रोती बिलखती जनता को   देख रहे नेता तान अपना सीना  आरक्षण की अगन में पका रहे  राष्ट्र नेता अपनी रोटी  बन गिद्द नोच नोच खा रहे  जनता की बोटी बोटी  रगों में आज लहू नहीं  बह रही है जाति  आदमी की भूख रोटी की नहीं  हो गई है आरक्षण …

धर्मान्धता

धर्मान्धता की आंधी चली उसमें बह चली राष्ट्र की अस्मिता  तुम बोले मैं बड़ा, हम बोलेन हम बड़े  किन्तु क्या कभी सोचा है राष्ट्र हमसे बड़ा  पहले मानव ने धरा बांटी  फिर बने धर्म के अनुयायी  ना जाने कहाँ से पैदा हुए नेता  ले आये बीच में धर्मान्धता  मानव को मानव से बांटा  चीर दी …