अभ्यास

जितना भी तुम अभ्यास कर लो
भारत नहीं तुम तोड़ पाओगे
प्रलय की भी शक्ति जोड़ लो
बाल बाँका नहीं कर पाओगे

ईश्वर ने है यह सृष्टि रचि
बनाया उसने यह भारत खंड
कितना भी तुम प्रयास करलो
रहेगा भारत सदैव अखंड

वर्षों से हुए बहुत प्रयास
किया इसने सब आत्मसात
जो भी आया यहां
रह गया यहीं का बनकर

जितना चाहे तुम उत्पात मचालो
कितना भी तुम प्रयास कर लो
ईश्वर ने है बनाया यह खंड
हम रखेंगे इसे सदैव अखंड।।

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