कहते इसे कहानी घर घर की हैं इसमें ना कोई अपना है ना पराया पाना हर कदम पर तुमको धोखा है यही बस इस कहानी का झरोखा है कोई किसी का नहीं है यहाँ सारे अपने आप से ही जूझ रहे किसी को नहीं है समय यहाँ सारे अपने ही ग़मों से लड़ रहे कहते …
Month: July 2016
कहने को बहुत कुछ था मगर वो सुन नहीं पाये आये थे मेरे दर पर मिलने मगर मिल नहीं पाये हमने सोचा कि गुफ्तगूं करेंगे मगर फिर खामोश ही रह गए कहने को बहुत कुछ था मगर वो सुन नहीं पाये अंदाज़ वो अपने अब देखते हैं आईने में अब खुद से छुपकर जुबां पर उनके …
दूर निकल आए हैं -२ हम तेरी चाहत में नहीं अब दिखती खुदाई तेरी नज़रों की जुदाई में दूर निकल आए हैं -२ हम तेरी निगाहो में नहीं मिलती राह अब हमें तेरी अपनी निगाहों में कहीं क़ाफ़िला निकल कोई कहीं चाहत का जनाज़ा रूखसत हुए आज कुछ कुछ को मिला नया ज़माना दूर निकल …
खोया सा आज तेरा दिल है खोये खोये से हैं तेरे शब्द खोयी खोयी सी ये निगाहें क्या तेरे सनम आज खोये हैं किस तरह तुझे आज ढूंढे कि आज तेरा वज़ूद ही ग़ुम है निगाहों में दिखता एक सवाल है कि आज तेरी ज़िन्दगी ही ग़ुम है किस राह की तुझे तलाश है किस राह खोया है …
परब्रह्म रुपम देवम प्रणाम है देव नित्यम रूप प्रखर धार कर वक्रतुंड लंबोदरम दान दे आज धरा को विघ्नकर्ता पाप का विनाश कर उथ्थान कर मानव का मानवता को प्रखर कर गणपति गणेश गजनरेश शिव महिमा का है लम्बोदर आज इस धरा पर प्रचार कर अपनी शक्ति से हे परब्रह्म तू मानवता को सद्बुद्धि दे ओम …
जय जय है माँ दुर्गे जय जय है जगदंबे तेरा ही आज मैं जप करूँ तेरी ही आज में आरती करूँ तज मोह आज संसार का मैं तेरी ही अब भक्ति करूँ जय जय है जगदंबे जय जय है मात भवानी अनुकंपा तेरी बस बनी रहे जीवन में तेरी शक्ति रहे सांसारिक मोह त्याग कर …
प्रखर प्रचण्ड त्रिनेत्र आज हे शिव तू अपना खोल दे पापमुक्त कर धरा को मनुष्य को तू तार दे बहुत हलाहल पी चुकी धरा आज तू अपना त्रिशूल धार ले हाला जीवन की बहुत पी चुका अब तू मानव को तार दे प्रखर प्रचण्ड त्रिनेत्र अपना हे शिव आज तू खोल दे अर्धमूर्छित इस धरा को आज …
Such is the depth of your love Such is the depth of your affection Such is the intensity of your feelings That it draws me out of lost hope Such is the depth of your words Such is the depth of your thoughts Such is the depth of your messages That it draws me out …
Lost are the thoughts and words As if scared to be chopped by swords Broken are the life’s cords As if chopped off by the swords Ink has dried with the heat such that I had to use my blood To give shape to words So scared is life today as if There is no …
कलम आज भीगी है अश्रुओं से पत्तों की तरह बिखरे हैं विचार अल्पविराम सा लग गया है जीवन में अर्धमूर्छित हो चला है मष्तिस्क ह्रदय में आज बसी है जीवनहाला जीवन भी भटक गया है हर राह अंधकारमय है हर ओर छा रहा अँधियारा कलम से आज निकल रही अश्रुमाला पी रहा आज मैं अपनी …