परब्रह्म रुपम देवम
प्रणाम है देव नित्यम
रूप प्रखर धार कर
वक्रतुंड लंबोदरम
दान दे आज धरा को
विघ्नकर्ता पाप का विनाश कर
उथ्थान कर मानव का
मानवता को प्रखर कर
गणपति गणेश गजनरेश
शिव महिमा का है लम्बोदर
आज इस धरा पर प्रचार कर
अपनी शक्ति से हे परब्रह्म
तू मानवता को सद्बुद्धि दे
ओम नमो गणपतये नमः