Month: August 2016

हृदय पीड़ा

हृदय पर तेरे शाब्दिक बाण के घाव लिए इस संसार में यूँही भटकते रहते हैं हृदय में लिए तुझसे बिछड़ने की पीड़ा आज जीवन जीने की कला सीख रहे हैं तुम मरने की क्या बात कर रहे हो यहाँ कितने हृदय में पीड़ा लिए जीते है जीवन का हलाहल पी जीते है अपनो से बिछड़ने …

ता ज़िन्दगी मैं सुनता रहा

ता ज़िन्दगी मैं खामोश रहाखामोश दर्द में जीता रहाक़ि सोचता था कभी ज़िन्दगी मेंमैं हाल-ए-दिल बयां करूँगा सुनते सुनते होश खो गएहाल-ए-दिल बयां ना हुआदर्द अपनी हद से आज़ाद हुआफिर भी शब्द जुबां पर ना आए आज सोचा था मेरे अपने होंगेजो मुझमें एक इंसां देखेंगेशायद वो मुझे समझेंगेकभी बैठ साथ मेरी सुनेंगे जब प्लाट …

जीवन द्विविधा

कहने को बहुत कुछ थालेकिन सुनाते किसकोजिन्हें जीवन का आधार समझाउन्होंने हमें कभी ना समझा जिस दर पर आज हम हैंउस दर को खोलेगा कौनजिस राह हम चल रहे हैंउसपर राहगुज़र बनेगा कौन कहने को बहुत कुछ थाकिन्तु आज सुनेगा कौनकरने को भरोसा तो हैकिन्तु हमपर भरोसा करेगा कौन इष्ट को अपने हम पूजते हैंकिन्तु …