बद्दुआ में भी तो शामिल है दुआतो क्या हुआ तुमने हमें बद्दुआ दीकहीं तुम्हारे जेहन में दुआ के वक़्तइस काफ़िर का नाम तो शुमार हुआ कि ज़िन्दगी भर की बद्दुआओं मेंइस काफ़िर का नाम लेकरअपनी इबादत में ऐ ख़ुदादेने वाला मेहरबाँ तो हुआ गर दुआओं में मेरा नाम ऐ खुदातेरे इल्म में ना आया कभीतो …
Month: September 2016
मैं शिव हूँ, शिव् है मुझमें ये राष्ट्र मेरा शिवाला हाँ हूँ मैं शिव और शिव है मुझमें पीता आया हूँ बरसों से मैं हाला एक युग बीत गया तपस्या में फिर भी नरसंहार हुआ है एक युग हुआ मेरे आसान को फिर भी विनाश नहीं है थमता क्या भूल गए तुम मुझको यदि पी …
मधुकर को मधु पीने सेकभी मधुमेह नहीं होतामधुर भाषा में वार्तालाप सेकभी किसी को रंज नहीं होताकभी किसी के मुख परसच बोलने से रिश्तों के मायने नहीं बदलतेबदलते हैं तो केवलमानव के विचार विस्मित होने को मधुकर को मधु पीने सेकभी मधुमेह नहीं होताकहीं कभी झुकने सेमानव का कद छोटा नहीं होताहोता है यदि कुछ …
यदि कहीं ज्ञान बँट रहा है तो तू ज्ञान बंटोर ले यदि कोई ज्ञान बिखेर रहा है तो तू ज्ञान बंटोर ले ज्ञानवर्धन कोई क्रीड़ा नहीं वर्षों की तपस्या है ज्ञान से तू समृद्ध होगा ज्ञान से तू बलवान होगा ज्ञान का कोई प्रदर्शन नहीं होता कहीं बंटता है तो कोई पाता है ज्ञान कभी ख़त्म नहीं होता खोता नहीं …
वीरगति को प्राप्त कर गएपरायण कर गए संसार सेदेखो उनकी माता रोती हैपलकों में लहू के अश्रु लिएअच्छे दिन को तुम तकते होउनकी वीरगति के सहानुभूति मेंयदि अच्छे दिन मोदी लाएगातो परिभाषित करो अच्छे दिन कोलहू शास्त्रों का तब भी बहा थाजब रामराज्य था सतयुग मेंअब तुम कलजुग में जीते होकिसी की मृत्यु में अच्छे …
रक्त की आज फिर बानी है धारा फिर रहा मानव मारा मारा हीन भावना से ग्रसित अहंकारी फैला रहा घृणा की महामारी वर्षो बीत गए उसको समझाते हाथ जोड़ जोड़ उसे मनाते फिर भी ना सीखा वो संभलना आता है उसे केवल फिसलना सन सैंतालीस में खाई मुँह की सन पैंसठ में भी दिखाई पीठ सन …
शाख वो काट रहे, उसी शाख पर बैठकि कुदरत की नेमत पर कर रहे घुसपैठशाख पर हुई चोट से दरख़्त सकपकाया आंधी के झोंके में उसने उस इंसां को गिरायाचोट लगी उसपर तो इंसां चिल्लायाशर्मसार नहीं हुआ ना उसको समझ आयाउठा कुल्हाड़ा उसने दरख़्त पर चलायाइस हिमाकत पर उसकी सरमाया भी गुस्सायाआसमाँ में बादल गरजे, …