Month: November 2016

इस दुनिया में

इस दुनिया में दर्द और भी हैकहीं भीड़ में एक दर्द और भी है हर ओर मैं देखता हूँ दर्द का मंज़रकि इस दर्द में तड़पे परवाने और हैं दर्द किसका क्या है, इल्म नहीं मुझेलेकिन दिखती दुनिया दर्द से सराबोर है हर मोड़ पर सोचता हूँ मिलेगा मेहरबाँ कोईकि महकाएगा इस ज़मीं को सुर्ख …