Shades of life presented to me The kinds to bend my knee But the bent of my knee Made life to be stung by bee Writing of fate was right there on card Poison of the sting was pretty hard The pain took its toll on my life Felt like my heart was torn apart …
Month: June 2017
शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ आज हलाहल पीकर भस्मासुर को मैं वर दे चुका आज अपनी धुनि रमाकर समय अब पुकार रहा मुझे है पुकार धुनि तजने की रच मोहिनी अवतार एक बार करना है भस्मासुर पर वार शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ देकर भस्मासुर को मैं वर हलाहल भी पी चुका जीवन मैं …
शिव से पूछो तुम क्या है मुझमें क्यों आज शिव है मुझमें हाला मैं क्या पी आया जग की क्या बन बैठा हूँ शिव की प्रतिमा तन्द्रा ना करो भंग मेरी तुम ना करो मुझसे अब कोई छल कि कब मैं शिव बन जाऊं कि कब मुझमें बस जाए शिव हाला मैं बहुत पी चुका जीवन में बहुत …
मुस्कुराहट से मेरी हाल-ऐ-दिल बयान नहीं होता नज़रों से मेरी मेरे ईमान का गुमान नहीं होता सोचते हो तुम गर मुझे जानते होतो मेरे दीदार से मेरे दिमाग का इल्म नहीं होता कहीं गर तुम मेरे आब -ऐ-तल्ख़ देखोगेतो कहीं मेरे दर्द का हिसाब मत लेनाकि मेरे चेहरे के इंतेखाब-ऐ-आलम सेमेरी हार का हिसाब मत लेना मुस्कराहट …
I still remember the summer time I still remember the wind chime I still remember when our words rhyme I still remember our partnership in crime Over the years of life that passed Through tick and thins that crossed You always had a company Whenever you felt empty and lonely I trusted you forever and …