Month: June 2017

करना है दंभ का संहार

शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ  आज हलाहल पीकर  भस्मासुर को मैं वर दे चुका  आज अपनी धुनि रमाकर  समय अब पुकार रहा मुझे  है पुकार धुनि तजने की  रच मोहिनी अवतार एक बार  करना है भस्मासुर पर वार  शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ  देकर भस्मासुर को मैं वर हलाहल भी पी चुका जीवन मैं  …

शिव से पूछो क्या है मुझमें

शिव से पूछो तुम क्या है मुझमें  क्यों आज शिव है मुझमें  हाला मैं क्या पी आया जग की  क्या बन बैठा हूँ शिव की प्रतिमा  तन्द्रा ना करो भंग मेरी तुम  ना करो मुझसे अब कोई छल  कि कब मैं शिव बन जाऊं  कि कब मुझमें बस जाए शिव  हाला मैं बहुत पी चुका  जीवन में  बहुत …

मुझमें मेरा शैंतां नज़र आता है

मुस्कुराहट से मेरी हाल-ऐ-दिल बयान नहीं होता नज़रों से मेरी मेरे ईमान का गुमान नहीं होता सोचते हो तुम गर मुझे जानते होतो मेरे दीदार से मेरे दिमाग का इल्म नहीं होता कहीं गर तुम मेरे आब -ऐ-तल्ख़ देखोगेतो कहीं मेरे दर्द का हिसाब मत लेनाकि  मेरे चेहरे के इंतेखाब-ऐ-आलम सेमेरी हार का हिसाब मत लेना मुस्कराहट …