Month: September 2019

वक़्त का पहिया

याद आते हैं बचपन के वो दिनजब खेलते थे हम गलियों में उधम जब करते थे दोस्तों संग हर त्यौहार पर होता था हर्षो-उमंग  क्या दिन थे वो भी हमारे अपने कि बारिश की बूंदों में नाच उड़ते थे कलकल करते रह के पानी में कागज़ की कश्ती बना चलाया करते थे  ना जाने कहाँ खो गए हैं वो दिन ना …

राजनीति का अधर्म

राजनीति का अधर्म है यह या है अधर्म की राजनीति नैतिकता जहां लगी दांव पर व्यक्तित्व का जहां हुआ संहार  आलोचना जो करनी थी नेता की कर बैठे नीतियों का मोल व्यक्ति विशेष पर करनी थी टिप्पणी कर बैठे राष्ट्र का अपमान  इतना भी क्या घमंड वर्षों का इतना भी क्या दम्भ पैसों का इतना भी क्या मोह सत्ता का इतना भी क्या घमंड …