Abstract Poems प्रकृति की गोद By Mayank Trivedi on Monday, December 18, 2023 लहरों की चंचलता अठखेलियाँ लगाती हुईसागर की गहराई उनकी चंचलता समेटती हुईकहीं दूसरे छोर पर अंबर के आँचल में सिमटीसूरज की किरणे उजास फैलाती हुईयही दृश्य है सुबह की बेला में यही खेल है प्रकृति की गोद में Hindi Poems Previous Post Next Post Related Posts Abstract Poems अजनबी तराने Abstract Poems Poems Poems - Hindi Poetry डियर ज़िन्दगी Abstract Poems Poems Poems Poetry Steps to Galore