मैं भारत हूँ, सदियों से सब देख रहा हूँअपने घर आये मेहमान को सह रहा हूँ आये थे मेरे द्वार ये आश्रय लेने आज मुझे आश्रित करने को आतुर हैं जाने कहाँ से आए घर मेरा हथिया लियाकहीं तंबू में सोने वाले ने इस धरा को हथिया लियाआश्रय क्या दिया मैंने इनको ताप से बचाने …
Month: May 2024
मैं सनातन हूँ है मेरी कथा निरालीज्ञान से भरा हूँ लेकिन ख़ाली मेरी प्यालीजिसने जब चाहा मुझे निचोड़ा हैजब जिसका मन चाहा मुझे तोड़ा हैमेरे अपने बैठे दर्शक दीर्घा मेंमूक मौन से घिरे इस करतब मेंचिर निद्रा में सो गये थे अनजानेफिर आया मोदी उन्हें जगाने झँझोड़ा जब मोदी ने उनकोतानाशाह की पदवी दे दी …